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करनी सेना logo |
श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना महाराणा प्रताप के पदचिन्हो पर चलने वाला एक स्वाभिमानी संघठन है |राजपूत क्रन्तिकारी युवा सुखदेव सिंह गोगामेड़ी द्वारा निर्मित एक विशाल राजपूत एकता संघटन है|यह एक युवा केंद्रित संगठन है. बाकि संगठनों में प्रौढ़ या उम्रदराज लोग होते है. यह पूरी तरह युवा वर्ग का संगठन है| इस संघटन का निर्माण राजपूत समाज को एकीकृत करने और समाज की जरुरी मांगो की आवाज़ बुलंद करने के लिए किया गया है |
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करनी सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी |
"न तो कोई कोष है न कोई कोषाध्यक्ष है, हम चंदा नहीं करते. लोग परस्पर सहयोग से संगठन चलाते है|"
"करणी" नाम का मतलब क्या है ?
राजस्थान के कुछ जाने मने राजघरानो की देवी का नाम ' करनी माता ' है | वही मान्यताओ के अनुसार करनी माता को जगदम्बा का रूप मन गया है | वही राजस्थान में करनी माता का एक प्रसिद्ध मंदिर भी है ,जिस पर इस संगठन का नाम करनी सेना तथा राष्ट्रव्यापी होने के कारण इस संघठन को श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना खा जाता है |
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karni mata mandir |
श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना का गठन का उद्देश्य
1. किसी भी राजपूत , चाहे आम हो या खास के साथ राजनेतिक व् सामाजिक द्वेष के चलते किसी भी तरह के दुर्व्यवहार के होने पर पुरजोर विरोध ।
2. इतिहास के साथ छेड़छाड़ और सिनेमा के माध्यम से हो रही समाज की ख़राब होती छवि का विरोध ।
3. ऐतिहासक पुरुषो के नाम के साथ जुड़े किसी भी विवाद के विरुद्ध आवाज बुलंद करना ।
4. सामाजिक मुद्दे पर समाज में एकजुटता स्थापित करने का प्रयास
5. सामजिक समरसता बनाये रखने और क्षत्रित्व को कायम रखने हेतु 35 कौम को साथ लेकर चलना।
6. राजनेतिक रूप से काम कर रहे राजपूत नेताओ का साथ देना , चाहे वे किसी भी पार्टी के हो तथा उन नेताओ को समाज के प्रति उनकी जिमेदारी याद दिलवाना।
7. समाज की बालिकाओ में शिक्षा के लिए जागरूकता पैदा करना ।
8. मातृशक्ति को हर जगह अग्रिम स्थान उपलब्ध करवाते हुए उन्हें बराबरी का दर्जा देना।
9. युवा वर्ग को मंच देना तथा समाज के प्रति उनकी सोच को सामने लाने ला प्रयास करना।
10. समय समय पर महापुरुषो की जयंती मनाना , युवाओ को उनके शौर्य से रूबरू करवाना और उनके नाम से रक्तदान शिविर आयोजित करना ।
11. समाज की प्रतिभाओ को सम्मानित करना तथा उन्हें शिक्षा व् रोजगार के क्षेत्र में मार्गदर्शन की व्यवस्था करवाना।
12.सबसे मुख्य , समाज के बच्चों के भविष्य से जुड़े आरक्षण मसले पर फैसले तक की लड़ाई लड़ना ।
सभी राष्टीय करणी सैनिक इन उद्देश्यो को जीवन की प्रेरणा मानते हुवे कार्य करे , और समाज में संघठन की उपस्थिति को सार्थक बनाने में अपना योगदान प्रदान करे।
जय माँ करणी ।2. इतिहास के साथ छेड़छाड़ और सिनेमा के माध्यम से हो रही समाज की ख़राब होती छवि का विरोध ।3. ऐतिहासक पुरुषो के नाम के साथ जुड़े किसी भी विवाद के विरुद्ध आवाज बुलंद करना ।4. सामाजिक मुद्दे पर समाज में एकजुटता स्थापित करने का प्रयास 5. सामजिक समरसता बनाये रखने और क्षत्रित्व को कायम रखने हेतु 35 कौम को साथ लेकर चलना। 6. राजनेतिक रूप से काम कर रहे राजपूत नेताओ का साथ देना , चाहे वे किसी भी पार्टी के हो तथा उन नेताओ को समाज के प्रति उनकी जिमेदारी याद दिलवाना। 7. समाज की बालिकाओ में शिक्षा के लिए जागरूकता पैदा करना ।8. मातृशक्ति को हर जगह अग्रिम स्थान उपलब्ध करवाते हुए उन्हें बराबरी का दर्जा देना। 9. युवा वर्ग को मंच देना तथा समाज के प्रति उनकी सोच को सामने लाने ला प्रयास करना।10. समय समय पर महापुरुषो की जयंती मनाना , युवाओ को उनके शौर्य से रूबरू करवाना और उनके नाम से रक्तदान शिविर आयोजित करना । 11. समाज की प्रतिभाओ को सम्मानित करना तथा उन्हें शिक्षा व् रोजगार के क्षेत्र में मार्गदर्शन की व्यवस्था करवाना। 12.सबसे मुख्य , समाज के बच्चों के भविष्य से जुड़े आरक्षण मसले पर फैसले तक की लड़ाई लड़ना ।सभी राष्टीय करणी सैनिक इन उद्देश्यो को जीवन की प्रेरणा मानते हुवे कार्य करे , और समाज में संघठन की उपस्थिति को सार्थक बनाने में अपना योगदान प्रदान करे। जय माँ करणी ।
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